हर्षोदय टाइम्स/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नौतनवां /महराजगंज! शिक्षा समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं, समाज के प्रतिमानों एवं मूल्यों को सिखाता है। इसलिए बच्चों को शिक्षित करना अति आवश्यक है। बच्चा समाज से तभी जुड़ पाता है जब वह उस समाज विशेष के इतिहास से अभिमुख होता है। शिक्षा से किसी भी बच्चे को अछूता नहीं रहने देना है।
उक्त बातें आज नौतनवां के वरिष्ठ समाजसेवी उद्योगपति सुधाकर जायसवाल ने दो बच्चों को शिक्षा के लिए गोद लेते हुए आज नगर के सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में दाखिला कराते हुए कही।
उन्होंने कहा कि बच्चे के संस्कार और शिष्टाचार उसके खुद के जीवन की ही नहीं बल्कि पूरे समाज तथा देश की दिशा और दशा तय करते हैं। बच्चों में संस्कार और शिष्टाचार उनके माता-पिता से आते हैं और इनको विकसित करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका होती है। बचपन में दी गई शिक्षा व्यक्ति के साथ आजीवन रहती है इसलिए बच्चों को सही दिशा देना बहुत जरूरी है। इसलिए आज इन दोनों बच्चों को गोद लेकर स्कूल में दाखिला कराया है।
बता दे कि आज नौतनवां नगर के समाजसेवी उद्योगपति सुधाकर जायसवाल का जन्मदिन है। अपने जन्मदिन के मौके पर श्री जायसवाल ने आज अपने मुहल्ले वार्ड नंबर 7 बिशुनपुरवा के दो बच्चों को शिक्षा के लिए गोद लेते हुए उनका आज नौतनवां कस्बे में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय नौतनवां में दाखिला कराते हुए दोनों बच्चों के एक वर्ष का फीस तथा कॉपी, किताब, बैग सब कुछ उपलब्ध कराया है।
श्री जायसवाल आज अपने जन्मदिन पर सुबह करीब 10:00 बजे दोनों मासूम बच्चे जिनकी उम्र 5 और 7 वर्ष है। बहन विमल और भाई रितेश दोनों बच्चो को अपनी गाड़ी में बैठाकर विद्यालय ले गये और विद्यालय के प्रधानाचार्य ब्रह्मानंद त्रिपाठी को पूरे मामले से अवगत कराते हुए दोनों बच्चों के दाखिले के लिए उन्हें चेक प्रदान किया।
इसके उपरान्त विद्यालय परिवार ने अपने प्रबंधक सुधाकर जायसवाल को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी और इस सराहनीय पहल की प्रशंसा की। बता दें कि समाजसेवी सुधाकर जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर नौतनवां के प्रबंधक भी हैं।