- बाढ़ प्रभावित गांवों में राशन के साथ पशुओं के चारे का संकट
हरीश उपाध्याय गोरखपुर
गोरखपुर जनपद को प्रभावित करने वाली नदियों के बढ़े हुए जलस्तर ने करीब 70 हजार की आबादी को अपनी चपेट में ले लिया है। कई गांव मेरुंड घोषित हो चुके हैं तो कुछ गांवों में नदी का पानी घुस गया हैं। करीब 1400 परिवारों ने बंधों पर ठिकाना बना लिया हैं।
बता दें की राप्ती नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटो में 6 सेमी कमी दर्ज की गई। फिर भी राप्ती खतरे के निशान 74.98 से 95 सेमी ऊपर 75.93 सेमी पर बह रही है। गुर्रा का जलस्तर स्थिर बना हुआ हैं। लेकिन सरयू और कुआनो का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटो में सरयू 7 सेमी बढ़ गई साथ ही कुआनो के जलस्तर में मात्र 1 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं। बुधवार शाम चार बजे सरयू खतरे के निशान 92.73 से 68 सेमी नीचे बह रही थी। लेकिन सरयू के जलस्तर में वृद्धि ने बाढ़ ग्रसितो की चिंता बढ़ा दी हैं।
राप्ती नदी के बढ़े हुए जलस्तर से छोटका पथरा, चकला, कठउर, खिरवनिया, अजवनिया, मंझरियां गांव और बहरामपुर उत्तरी में पानी घुस गया है। लोगो ने घरों का सामान छतों पर रख कर परिवार समेत बंधों पर ठिकाना बना लिया है। लोग बेबस हैं और सरकारी मदद की आस लगाए हैं। ग्रामीण अब मलौली-लहसड़ी बंधे पर शरण भी लेने लगे हैं। गांव से लाकर जानवरों को भी बंधे के किनारे बांध दिया है। चारा को लेकर संकट है, इसके लिए नाव से जाकर भूसा आदि का प्रबंध कर रहे हैं। जस्तर में स्थिरता के बावजूद नदियों के तेज बहाव में कई कमी नही आई है।
मालूम हो कि कई स्थानों पर नदी की तेज धारा से बांध में हल्के रिसाव भी शुरू हुए लेकिन प्रशासन ने तत्काल ठीक करवा दिया। नदियों के जलस्तर से जनपद के करीब 70 हजार की आबादी के साथ करीब 2427 हेक्टेयर भूमि प्रभावित है। बाढ़ से सैकड़ों एकड़ फसल बरबाद हो गए हैं। बाढ़ के कारण पशुओं के चारे की भी दिक्कत होने लगी है। हालाकि प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ राहत सामग्री, महिलाओं को डिग्निटी कीट के अलावा पशु चारा के रूप में भूसा भी वितरित किया जा रहा हैं। बाढ़ की वजह से गांव टापू बन चुके हैं इसलिए विपरीत परिस्थितियों में लोगों को नाव का ही सहारा है।
अपर जिलाधिकारी (वि/रा) विनीत कुमार सिंह ने बताया की पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बंधों पर नजर लगाए हुए है। प्रभावित गांवों में राहत खाद्यान्न सामग्री के साथ महिलाओं और किशोरियों को डिग्निटी कीट वितरित किया जा रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 14 टीम गठित किए गए हैं साथ ही पशु राहत शिविर भी लगाए गए हैं। साथ ही पशुओं के चारे के लिए भूसा भी वितरित किया जा रहा है।