तो क्या हवाला कारोबारियों का नर्सरी बन चुका है गोरखपुर शहर?

उत्तर प्रदेश गोरखपुर महाराजगंज

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

गोरखपुर /महराजगंज(हर्षोदय टाइम्स): गोरखपुर शहर के कोतवाली इलाके में चेकिंग के दौरान एक गाड़ी में मिले 85 लाख रुपये में से 50 लाख रुपये हड़पने के मामले में दरोगा आलोक सिंह के पकड़े जाने के बाद हवाला का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसके बाद ऐसा कहा जाने लगा है कि गोरखपुर हवाला के कारोबार का गढ़ बन रहा है। नेपाल सीमा से सटा होने के कारण भी हवाला के कारोबारियों के लिए यह शहर काफी मुफीद है। टैक्स चोरी करने के लिए कई व्यापारी हवाला का इस्तेमाल करते हैं।


बेरोजगारों को फंसा कर उनके नाम से खुलताते हैं खाता

हवाला कारोबार से जुड़े लोग अपना धंधा चलाने के लिए बेरोजगारों को अपना जरिया बनाते हैं। वह पांच-दस हजार रुपये का लालच देकर उनके कागजात ले लेते हैं और उसकी मदद से बैंकों में खाता खुलवा देते हैं। उस खाते को भी यही लोग ऑपरेट करते हैं। फिर इन खातों में 15-20 हजार रुपये की छोटी-छोटी रकम भेजी जाती है। जब यह रकम लाखों में हो जाती है तो कुछ खातों में 1 से 2 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया जाता है। इस तरह से करोड़ों की रकम पूरे चैनल के जरिए इकट्ठा कर ली जाती है।

तीन साल पहले पकड़ा गया था मोबाइल फोन कारोबारी

तीन साल पहले ही शहर के बड़े मोबाइल फोन कारोबारी भाइयों को एसटीएफ ने इसी आरोप में गिरफ्तार किया था। पकड़े गए आरोपियों की जांच में सामने आया था कि गोरखपुर के जंगल कौड़िया एसबीआई शाखा के पांच बैंक खातों से करोड़ों रुपये के लेनदेन हुए थे। गोरखपुर के मोबाइल फोन व्यापारी भाइयों नसीम और नईम अरशद की गिरफ्तारी के बाद से ही यहां पर चार लोग और पकड़े गए थे। बैंकों की शुरुआती जांच में जंगल कौड़िया का ब्योरा आया था।

रकम पहुंचाने के बदले मिलते हैं पांच हजार

हवाला की रकम एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए कैरियरों का इस्तेमाल किया जाता है। यह कैरियर भी गरीब बेरोजगार युवक ही होते हैं। उन्हें हर ट्रिप के बदले पांच हजार रुपये मिलते हैं। उन्हें एक निश्चित स्थान पर वह रकम पहुंचानी होती है। कैरियराें को यह पता भी नहीं होता कि वे कितनी रकम लेकर जा रहे हैं और वह रकम किसकी है। कितनी रकम भेजी जा रही है इसका पता सिर्फ एजेंट को होता है, जो उसका पांच से सात प्रतिशत कमीशन लेता है और कैरियर को पांच हजार दे देता है।

नोटबंदी के बाद बढ़ा है अवैध धंधा, कई बार सामने आए मामले

नोटबंदी के बाद से नेपाल सीमा पर हवाला का धंधा बढ़ा है। हर दिन लाखों की रकम सीमा पर हवाला के धंधे से जुड़े कुछ दुकानदारों तक पहुंचते हैं। पिछले तीन वर्ष में इस धंधे से जुड़े लोगों के साथ कई बार लूट भी हुई। घटना के बाद लूट की रकम को छिपाने का प्रयास किया गया लेकिन पर्दाफाश ने पुलिस के साथ ही खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को भी चौंकाया। जांच में हवाला से जुड़े नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ लेकिन कोई पकड़ा नहीं गया। शहर से हो रहा हवाला का कारोबार सिर्फ देश के अलग-अलग शहरों से ही नहीं, बल्कि नेपाल से भी जुड़ा है, एजेंट से लूट होने के बाद पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है।

सामने आ चुके हैं कई मामले

20 फरवरी 2024 : महराजगंज जिले के नौतनवां में पांच लाख रुपये लूट की सूचना पर पुलिस ने बदमाश को पकड़ा था। तब सामने आया कि लूट की रकम 35 लाख रुपये थी।

10 अक्तूबर 2023 : बाइक सवार बदमाशों ने बृजमनगंज कस्बे में गोरखपुर के अभिमन्यु यादव को घेर लिया। विरोध करने पर पैर में गोली मारकर बैग छीन लिया। अभिमन्यु ने दो लाख रुपये की लूट होने की जानकारी दी। जबकि बैग में 70 लाख रुपये थे।

24 नवंबर 2022 : नौतनवां के आजाद वर्मा से मानीराम रेलवे क्राॅसिंग के पास 60 लाख रुपये लूट लिए थे। पुलिस ने घटना के बाद मुनीम को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। एक दिन बाद चार लाख रुपये लूटे जाने का केस दर्ज हुआ।

31 दिसंबर 2020 : मानीराम रेलवे क्राॅसिंग पर नौतनवां के रहने वाले व्यापारी से बाइक सवार बदमाशों ने लूट का प्रयास किया।असफल होने पर गोली मार दी।

21 जनवरी 2021 : गोरखपुर पुलिस ने बस्ती में तैनात रहे दरोगा धर्मेंद्र यादव और महेंद्र यादव को जेल भेजा था। जांच में पता चला कि इन लोगों ने 31 दिसंबर को शाहपुर के खजांची चौक के पास महराजगंज के व्यापारी से कस्टम अफसर बनकर लूट की थी। इसमें भी हवाला का मामला सामने आया था।

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